tag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post3305145543308269840..comments2023-10-30T17:45:30.404+05:30Comments on बुरांश (एक प्रतीक ): आस्था बनाम अर्थ .......पी.एस .भाकुनीhttp://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-7179581441594596502011-08-06T16:25:25.829+05:302011-08-06T16:25:25.829+05:30मंदिरों के भीतर पैसे का होना रास्त्र हित में ही है...मंदिरों के भीतर पैसे का होना रास्त्र हित में ही है , पर सविश बैंक में चोरी - छिपे रखना कितना उचित है ? ये तो सभी देश द्रोही निकालें !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-47741235901037247132011-07-22T13:37:16.595+05:302011-07-22T13:37:16.595+05:30मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-ba...मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-<br />http://seawave-babli.blogspot.com<br />http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-70316923194158749782011-07-20T15:44:48.845+05:302011-07-20T15:44:48.845+05:30भैया अपनी तो यही राय है ...........पैसा कहीं भी...भैया अपनी तो यही राय है ...........पैसा कहीं भी हो उसका उपयोग देश और आम जनता के हित में किया जाए किन्तु सतर्क निगरानी में | अब यह धन मंदिर में नहीं होता तो भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों की तिजोरियों में जाता , जैसा कि इस समय विकास के नाम पर हो रहा है | अतः सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था और निगरानी जरूरी है |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-14406629926862081352011-07-19T20:52:36.630+05:302011-07-19T20:52:36.630+05:30बिल्कुल सही कहा है आपने,हमारी सोने की चिड़ियाँ तो...बिल्कुल सही कहा है आपने,हमारी सोने की चिड़ियाँ तो मंदिरों के तहखानो या फिर बाबाओं और राज नेताओं की तिजोरियों में कैद होकर रह गई है, सार्थक लेख...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-24798646266505449752011-07-19T15:18:21.073+05:302011-07-19T15:18:21.073+05:30आपसे सहमत हूँ . धन चाहे जैसा हो बस कुंडली मार दबान...आपसे सहमत हूँ . धन चाहे जैसा हो बस कुंडली मार दबाना ही हमारे देश की पहचान हो गयी है.. देश रसातल में जाये तो अपनी बला से. सार्थक पोस्टAmrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-58139844065080225502011-07-18T12:24:28.631+05:302011-07-18T12:24:28.631+05:30टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए शुक्रिया!टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए शुक्रिया!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-11243679567803312522011-07-16T17:44:43.883+05:302011-07-16T17:44:43.883+05:30बेंकों में जमा बेहिसाब काला धन और अपने देश के...बेंकों में जमा बेहिसाब काला धन और अपने देश के मंदिरों के तहखानो और बाबाओं की तिजोरियों में कैद तमाम सम्पतियों का राष्ट्र हित में सदुपयोग किया जाय तो क्या तब भी हमें अपनी संप्रभुता और अपना मान-सम्मान गिरवी रख कर विदेशी बेंकों और तथाकथित विकसित देशों की साम्राज्यवादी नीतियों के आगे घुटने टेकने होंगे ? <br /><br />Very valid question . I agree with you.<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-13285580383400654482011-07-14T08:59:25.196+05:302011-07-14T08:59:25.196+05:30बहुत बढ़िया लिखा है आपने! लाजवाब प्रस्तुती!
मेरे न...बहुत बढ़िया लिखा है आपने! लाजवाब प्रस्तुती!<br />मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-<br />http://seawave-babli.blogspot.com/Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-1347026794291603512011-07-13T20:37:59.569+05:302011-07-13T20:37:59.569+05:30बिल्कुल सही कहा है आपने,
http://fresh-cartoons.bl...बिल्कुल सही कहा है आपने,<br /><br />http://fresh-cartoons.blogspot.com<br />ashok shuklaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-37536893048747367662011-07-13T12:12:44.586+05:302011-07-13T12:12:44.586+05:30सोचिये की ये सारे पैसे मंदिरों मस्जिदों विदेशी बैं...सोचिये की ये सारे पैसे मंदिरों मस्जिदों विदेशी बैंको बाबाओ की तिजोरी में गये ही नहीं होते तो देश का विकाश आज कहा का कहा होताanshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-62424263855033595962011-07-09T15:58:18.757+05:302011-07-09T15:58:18.757+05:30धर्मस्थलों के न्यासों को स्वयं सार्वजनिक हित में,ऐ...धर्मस्थलों के न्यासों को स्वयं सार्वजनिक हित में,ऐसे धन के इस्तेमाल की अनुमति के लिए आगे आना चाहिए। पर ऐसी पहल कहीं से होती प्रतीत नहीं होती।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-4418192094145912732011-07-09T00:00:02.253+05:302011-07-09T00:00:02.253+05:30बिल्कुल सही कहा है आपने,
आभार- विवेक जैन vivj2000....बिल्कुल सही कहा है आपने,<br />आभार-<a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-74477882988925376662011-07-08T18:18:32.675+05:302011-07-08T18:18:32.675+05:30Ham logon ne to en baabaon ko badhwa diya hai.... ...Ham logon ne to en baabaon ko badhwa diya hai.... Na jaane kab jaagruk honge ham....<br />badiya prastuti ke liye aabhar!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-80230013990973506562011-07-08T13:35:20.741+05:302011-07-08T13:35:20.741+05:30करीब 20 दिनों से अस्वस्थता के कारण ब्लॉगजगत से दूर...करीब 20 दिनों से अस्वस्थता के कारण ब्लॉगजगत से दूर हूँ<br />आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ,संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-85129388913396792762011-07-08T13:30:45.155+05:302011-07-08T13:30:45.155+05:30सही और विचारणीय बात ..सही और विचारणीय बात ..संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-6389009513811438262011-07-08T12:28:17.646+05:302011-07-08T12:28:17.646+05:30जहाँ पर सोने चांदी और कागज के चंद टुकड़ों को मानव...जहाँ पर सोने चांदी और कागज के चंद टुकड़ों को मानवीय भावनाओं और आस्था से बढकर महत्त्व दिया जाता है वहां पर कही-न- कही कुछ-न-कुछ तो सही नहीं है ?<br /><br />बहुत बढ़िया सर जी,बधाई स्वीकार करें ।<br /><br />मार्कण्ड दवे।Markand Davehttps://www.blogger.com/profile/17453483015065286737noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-55134001568450279152011-07-07T19:39:34.656+05:302011-07-07T19:39:34.656+05:30कला धन जमा करने वाले भी उस काले धन का इश्तेमॉल अपन...कला धन जमा करने वाले भी उस काले धन का इश्तेमॉल अपनी जिन्दगी में नहीं कर सकते हैं| खली हाथ आये थे खली हाथ ही चले जाते हैं फिर ऐसा धन जमा करने का क्या फायदा| बाबा लोग जिन के आगे पीछे कोई नहीं है वे भी इस बात को नहीं समझ रहे हैं| धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-76593911053400924712011-07-07T19:37:50.426+05:302011-07-07T19:37:50.426+05:30बहुत ही प्रासंगिक एवं विचारणीय प्रश्न ...कला धन...बहुत ही प्रासंगिक एवं विचारणीय प्रश्न ...कला धन राष्ट्रहित में ..असहाय लाचारों के लिए ...कुल मिलाकर राष्ट्र की प्रग्रती में प्रयुक्त होना एक अत्यंत ही सुखद अहसास है....पर भ्रष्ट तंत्र में इसमें भी बन्दर बाँट की आशंका है...<br /> अत्यंत ही सार्थक लेख शुभकामनाएं...सादर !!!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16174745947449762169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-12765542178355645492011-07-07T18:14:01.370+05:302011-07-07T18:14:01.370+05:30आस्था के नाम पर ढकोसला है यह सब.................. ...आस्था के नाम पर ढकोसला है यह सब.................. ढोंगी लोगों की कोई कमी नहीं है .... इतना अकूत धन किस काम का यदि वह देश के काम ही न आये... अब उसकी चौकीदारी भी सरकारी आदमी करें सो खर्चा अलग ..मतलब एक और मुसीबत... भाई जी बढ़िया लिखते हो आप लिखते रहना.. ऐसे लोगो की पोल खोलते रहना..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-58876416937371188522011-07-07T05:53:40.909+05:302011-07-07T05:53:40.909+05:30सही और विचारणीय बात .....तभी कहा गया है ना की भारत...सही और विचारणीय बात .....तभी कहा गया है ना की भारतीय गरीब हैं पर भारत देश गरीब नहीं है.....और यह उन्होंने ही कहा है जहाँ इस देश काला धन पड़ा है..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-59003795072816049562011-07-06T20:54:03.971+05:302011-07-06T20:54:03.971+05:30काला धन आज पूरे देश में बर्निंग टॉपिक है. और काला ...काला धन आज पूरे देश में बर्निंग टॉपिक है. और काला धन बाहर निकालना पूरे देश की समस्या. काला धन नेताओं व बाबाओं के पास तो है ही पर नौकरशाहों के पास भी कम नहीं है. जिनके पास शक्ति सामर्थ्य है वही नहीं चाहेंगे. ....... काश ! कलयुग में भी भगवान अवतार ले और....... काला धन संग्रहकर्ताओं को बंदी बनाकर उनकी सारी सम्पति राष्ट्र को अर्पित करें. आमीन !शूरवीर रावतhttps://www.blogger.com/profile/14313931009988667413noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-38211013720164341352011-07-06T14:21:13.536+05:302011-07-06T14:21:13.536+05:30देश तो बड़ी बात है तह खानों, और विदेशी बैंको का ...देश तो बड़ी बात है तह खानों, और विदेशी बैंको का धन स्वयम उसी व्यक्ति के काम नहीं आता है जो इकठ्ठा करता है , जैसे अभी सत्य साईं मंदिर में करोड़ो मिले बाबा तो खाली हाथ ही गए . पद्मनाभ मंदिर की भी यही दशा है सुना था जब संजय गाँधी की मृत्यु हुई थी तब इंदिरा गाँधी ने सबसे पहले संजय की घडी खोजी थी और घडी चाबी का किस्सा काफी दिनों तक चर्चित रहा .गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-62323700341803777202011-07-06T13:08:16.659+05:302011-07-06T13:08:16.659+05:30आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 07-07- 201...आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 07-07- 2011 को यहाँ भी है <br /><br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/" rel="nofollow"> नयी पुरानी हल चल में आज- प्रतीक्षारत नयनो में आशा अथाह है - </a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-11287237463334273062011-07-06T11:52:58.215+05:302011-07-06T11:52:58.215+05:30तहखाने में पड़े खजाने का कोई औचित्य नहीं ... और न ...तहखाने में पड़े खजाने का कोई औचित्य नहीं ... और न ही कालाधन स्विस बैंक में जमा करने में ... यदि यह धन देश के काम आ सके और देश के विकास को तीव्र गति दे सके उससे बेहतर बात और क्या हो सकती है ..पर धान के लोभी कहाँ करेंगे ऐसा ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2349538382248747506.post-21068669850251919612011-07-06T11:25:38.458+05:302011-07-06T11:25:38.458+05:30देश हित में आपकी यह सोच सही प्रतीत होती है ..लेकिन...देश हित में आपकी यह सोच सही प्रतीत होती है ..लेकिन इन बाबाओं के पास जो धन आता है वह भी तो हमारी जेब से जाता है ..एक बाबा को हम लाखों रुपयों का चढ़ावा चढ़ा देते हैं ..लेकिन एक गरीब को हम ठुकरा देते हैं ....यह भी क्या विरोधाभास है ?.... !केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.com