अमेरिका की सबसे ताकतवर ख़ुफ़िया एजेंसी सी आई ए के प्रमुख डेविड पेट्रियट
ने विवाहेतर संबंधों के चलते नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है l
स्वयं सी आई ए के प्रमुख डेविड पेट्रियट के शब्दों में-
"अपने 37 साल के वैवाहिक जीवन के बाद मैंने विवाहेतर सम्बन्ध स्थापित किये जो की एक बहुत ही निंदनीय एवं गलत कदम है , मेरा ऐसा आचरण एक पति और एक सी आई ए जैसी महत्वपूर्ण संस्था के मुखिया के नाते अस्वीकार्य है"
60 वर्षीय डेविड पेट्रियट ने इराक एवं अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना द्वारा चलाये जा रहे सैनिक अभियानों का सफलता पूर्वक नेत्रत्व किया उनकी प्रतिभा एवं देश के प्रति उनके समर्पण की राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भूरी-भूरी प्रशंसा की है,तभी तो नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक जेम्स क्लैपर ने कहा है " डेविड पेट्रियट का इस्तीफा देने से हमने देश के अत्यधिक सम्मानित नौकरशाहों में से एक को खो दिया है " l
बहरहाल ! अपने देश में तो यह सब नहीं चलता है, शास्त्री जी के बाद एकाध ऐसी घटना सामने आई होगी जब किसी नौकरशाह अथवा राजनेता ने उसपर लगे आरोपों के चलते नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दिया होगा ? अन्यथा आज तो हालत यह है की यदि हम पश्चिमी देशों के इन आदर्शों को अपनाने लगे तो हमारी संसद पक्ष एवं विपक्ष विहीन हो जाएगी, प्रशासनिक व्यस्था अस्त-व्यस्र हो जाएगी, क्योंकि यहाँ पर कौन ऐसा है जिस पर आरोप नहीं लगे और जिसका दामन साफ़ है ?
स्वयं सी आई ए के प्रमुख डेविड पेट्रियट के शब्दों में-
"अपने 37 साल के वैवाहिक जीवन के बाद मैंने विवाहेतर सम्बन्ध स्थापित किये जो की एक बहुत ही निंदनीय एवं गलत कदम है , मेरा ऐसा आचरण एक पति और एक सी आई ए जैसी महत्वपूर्ण संस्था के मुखिया के नाते अस्वीकार्य है"
60 वर्षीय डेविड पेट्रियट ने इराक एवं अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना द्वारा चलाये जा रहे सैनिक अभियानों का सफलता पूर्वक नेत्रत्व किया उनकी प्रतिभा एवं देश के प्रति उनके समर्पण की राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भूरी-भूरी प्रशंसा की है,तभी तो नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक जेम्स क्लैपर ने कहा है " डेविड पेट्रियट का इस्तीफा देने से हमने देश के अत्यधिक सम्मानित नौकरशाहों में से एक को खो दिया है " l
बहरहाल ! अपने देश में तो यह सब नहीं चलता है, शास्त्री जी के बाद एकाध ऐसी घटना सामने आई होगी जब किसी नौकरशाह अथवा राजनेता ने उसपर लगे आरोपों के चलते नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दिया होगा ? अन्यथा आज तो हालत यह है की यदि हम पश्चिमी देशों के इन आदर्शों को अपनाने लगे तो हमारी संसद पक्ष एवं विपक्ष विहीन हो जाएगी, प्रशासनिक व्यस्था अस्त-व्यस्र हो जाएगी, क्योंकि यहाँ पर कौन ऐसा है जिस पर आरोप नहीं लगे और जिसका दामन साफ़ है ?
मुझे एक चैनल पर हिंदी के सुप्रशिद्ध हास्य कवी अशोक चक्रधर की कही गई एक बात बारबार याद आती है की " वैस्ट ( West ) से हम वेस्ट (Waste ) तो आसानी से ग्रहण कर लेते हैं जबकि हमे वैस्ट (West ) से बैस्ट (Best ) को अपनाने की आवश्यकता है " l
सभी पाठकों, ब्लोगरों एवं देश वासियों को ज्योति पर्व दीपावली की ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं l
सभी पाठकों, ब्लोगरों एवं देश वासियों को ज्योति पर्व दीपावली की ढेरों बधाई एवं शुभकामनाएं l
--------------------------------- p_singh67@yahoo.com -------------------------------------