सोमवार, 25 जनवरी 2010

लिखते -लिखते..........

                                            ( १ )

अमावाश की अँधेरी रात / पानी बरस रहा था , गलियों मे कुत्ते भोंक रहे थे,
नाली मे पड़ा हुवा एक शराबी कुछ यूँ गुन -गुना रहा था !
"कभी किसी रोज़ यूँ भी होता, हमारी हालत तुम्हारी होती ......."
तभी हाथ मे जलती हुई मोमबत्ती , फैले हुए लम्बे-लम्बे बाल , और
सफ़ेद रंग की साड़ी मे लिपटी हुई एक महिला  गुनगुनाती हुई वहां से गुजरी,
"जो रात हमने गुजारी मरके ,वो रात तुमने गुजारी होती....."

                                        ( २ )

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