कलर्स चैनल पर प्रसारित निहायत ही फूहड़ और विवादास्पद रियलिटी शो "बिग बोस' से शक्ति कपूर की कुछ दिन पहले विदाई हुई है, बिग बोस के घर से इतनी अल्प अवधी मे अपनी विदाई को लेकर स्वयं शक्ति कपूर भी अचंभित है, क्योंकि जो माहौल बिग बौस के घर का होता है उसमें शक्ति कपूर जैसे अनुभवी खिलाडी भी स्वयं को श्रेष्ट साबित नहीं कर पाए, शक्ति कपूर इतनी जल्दी बिग बौस के घर से बाहर हो जायेंगे किसी ने सोचा भी नहीं होगा, सदमा तो शक्ति को भी लगा होगा तभी तो बौस के घर से निकलते ही शक्ति कपूर ने अपनी विदाई के कारण गिनाने आरम्भ कर दिए थे अर्थात स्वयं शक्ति के शब्दों में - " मैंने लड़कियों के कमरों में तान-झाँक नहीं की इसीलिए वहां से मेरी विदाई हुई है................" अर्थात ! बिग बौस के घर में बने रहने के लिए जो मुख्य योग्यताएं प्रतिभागी में होनी चाहिए उनमें से एक योग्यता यह भी है की दूसरों के घरों ( बाथरुमो ) में तांक-झांक करने की प्रवृति आपकी आदतों में शुमार होनी चाहिए............
बहरहाल ! बिगबौस के घर से शक्ति कपूर की विदाई शो का एक हिस्सा हो सकता है, इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है क्योंकि शक्ति कपूर एक मंझे हुए कलाकार है किसी भी शो में उनकी इंट्री और विदाई महज एक उत्सुकता और आकर्षण का विषय हो सकता है लेकिन आश्चार्य का कारण नहीं हो सकता है, आश्चर्य तो तब होता है जब एक राजनितिग्य, समाजसेवी और भगवा धारण किये हुए सन्यासी की वाइल्ड कार्ड के जरिये बिगबौस के घर में इंट्री होने की बात सामने आती है, ख़बरें तो यहाँ तक आ रही है की स्वयं स्वामी अग्निवेश ने बिग बास के घर की तारीफों के पुल बाँधने भी आरम्भ कर दिए हैं, यहाँ तक की स्वामी अग्निवेश ने बिगबास के घर के सद्श्यों की गाली-गलौज, आपसी झगडे और अश्लील हरकतों को भी विश्व में सबसे बड़े लोक तन्त्र का मंदिर अर्थात हमारी संसद के भीतर मंत्रियों एवं सांसदों के आचरण से भी बेहतर करार दिया है, अक्सर संसद और विधानसभाओं के इर्द-गिर्द मंडराने वाले स्वामी अग्नि वेश का यह ब्यान भी कम आश्चर्य जनक नहीं है, जी हाँ ! एक राजनितिग्य, समाजसेवी और एक सन्यासी स्वामी अग्निवेश ! वही अग्निवेश जो कभी व्यस्था परिवर्तन के मुद्दे पर स्वामी राम देव जी के साथ नजर आते थे, और कभी भरष्टाचार विरोधी मुहीम में अन्ना हजारे के मंच पर, सरकार और मवोवादियों के बीच मध्यस्तता की भूमिका भी इन्होने निभाई है, अमरनाथ की पवित्र गुफा स्थित शिवलिंग के सन्दर्भ में इनके विचार और तत्सम्बंध में इनका ज्ञान भी जगजाहिर है, इस प्रकरण में स्वमी अग्निवेश को अपमानित और करोड़ों भारतीयों का विरोध का सामना भी करना पड़ा था l
जो भी हो ! सदैव शुर्खियों में रहने वाले स्वामी अग्निवेश एक बार फिर शुर्खियों में हैं , देखना शेष है की बिग बास के घर में स्वामी अग्निवेश क्या कोई नया कारनामा कर पाएंगे या फिर यहाँ भी वही "इधर की उधर" और यहाँ भी वही " खुसर-फुसर" .......................l
.. देखना शेष है की बिग बास के घर में स्वामी अग्निवेश क्या कोई नया कारनामा कर पाएंगे या फिर यहाँ भी वही "इधर की उधर" और यहाँ भी वही " खुसर-फुसर" ........................इसके अलावा होगा भी क्या.. .... ऊपर वाला ही जाने इनकी बातें ..करामाते....
जवाब देंहटाएंबढ़िया समसामयिक प्रस्तुति..
आदरणीय महोदया
जवाब देंहटाएंप्रेम की उपासक अमृता जी उनकी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिये कोई अभियान अवश्य चलायें। पहली पहल करते हुये भारत के राष्ट्रपति को प्रेषित अपने पत्र की प्रति आपको भेज रहा हूँ । उचित होगा कि आप एवं अन्य साहित्यप्रेमी भी इसी प्रकार के मेल भेजे । अवश्य कुछ न कुछ अवश्य होगा इसी शुभकामना के साथ महामहिम का लिंक है
भवदीय
(अशोक कुमार शुक्ला)
महामहिम राष्ट्रपति जी का लिंक यहां है । कृपया एक पहल आप भी अवश्य करें!!!!
शक्ति जी के लिए-
जवाब देंहटाएंनिकलना खुल्द से आदम का सुनते आये हैं, लेकिन
बहुत बे आबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले !
स्वामी अग्निवेश जी के लिए-
कहाँ मयखाने का दरवाजा ग़ालिब और कहाँ वायिस
पर इतना जानते हैं कल वो जाता था कि हम निकले !
बढ़िया,समसामयिक विवेचन ...स्वामीजी भी आ गए बस यही बाकी था ....
जवाब देंहटाएंअब तो हद ही हो गयी गयी है ???? आ गयी है।
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