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28 सितम्बर 1907 को आज ही के दिन पंजाब के जिला लायलपुर के बंगा गाँव में क्रांति के अग्रदूत अमर शहीद सरदार भगत सिंह का जन्म हुआ था, इस अवसर पर साम्राज्यवाद से सम्बन्धित क्रांति के अग्रदूत अमर शहीद सरदार भगत सिंह के विचार ----
हम वर्तमान ढांचे के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक क्षेत्रों में क्रन्तिकारी परिवर्तन लाने के पक्ष में हैं, हम वर्तमान समाज को पूरी तरह से एक नये सुसंगठित समाज में बदलना चाहते हैं और इस प्रकार मनुष्य के हाथों मनुष्य का शोषण असंभव बनाकर सभी के लिए सभी क्षेत्रों में पूर्ण स्वतंत्रता के हम पक्षधर हैं , जब तक सारा सामाजिक ढांचा बदल नहीं जाता और उसके स्थान पर समाजवाद की स्थापना नहीं हो जाती तब तक हम समझते हैं पूरी दुनियां एक तबाह कर देने वाली प्रलय संकट में है क्योकि हमारा विश्वास है की साम्राज्यवाद एक बड़ी डाकेजनी की साजिश के अलावा कुछ नहीं है ,साम्राज्यवाद मनुष्य के हाथों मनुष्य और राष्ट्र के द्वारा राष्ट्र के शोषण के अतिरिक्त और कुछ नहीं है, वास्तव में साम्राज्यवादी शक्तियां अपनी स्वार्थ पूर्ति हेतु न सिर्फ न्यायालयों एवं कानूनों का कत्ल करते हैं अपितु भयंकर जन संहार और युद्ध जैसे खौपनाक अपराध करने से भी नहीं चूकते हैं, जहाँ कही लोग इनकी नादिरशाही शोषण की निति का विरोध करते है या फिर उन्हें मानने से इनकार कर देतें हैं तो ये निरपराधियों का भी खून बहाने में भी संकोच नहीं करते हैं और शांति व्यवस्था की आढ़ में ये स्वयं शांति भंग करते हैं,
हम वर्तमान ढांचे के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक क्षेत्रों में क्रन्तिकारी परिवर्तन लाने के पक्ष में हैं, हम वर्तमान समाज को पूरी तरह से एक नये सुसंगठित समाज में बदलना चाहते हैं और इस प्रकार मनुष्य के हाथों मनुष्य का शोषण असंभव बनाकर सभी के लिए सभी क्षेत्रों में पूर्ण स्वतंत्रता के हम पक्षधर हैं , जब तक सारा सामाजिक ढांचा बदल नहीं जाता और उसके स्थान पर समाजवाद की स्थापना नहीं हो जाती तब तक हम समझते हैं पूरी दुनियां एक तबाह कर देने वाली प्रलय संकट में है क्योकि हमारा विश्वास है की साम्राज्यवाद एक बड़ी डाकेजनी की साजिश के अलावा कुछ नहीं है ,साम्राज्यवाद मनुष्य के हाथों मनुष्य और राष्ट्र के द्वारा राष्ट्र के शोषण के अतिरिक्त और कुछ नहीं है, वास्तव में साम्राज्यवादी शक्तियां अपनी स्वार्थ पूर्ति हेतु न सिर्फ न्यायालयों एवं कानूनों का कत्ल करते हैं अपितु भयंकर जन संहार और युद्ध जैसे खौपनाक अपराध करने से भी नहीं चूकते हैं, जहाँ कही लोग इनकी नादिरशाही शोषण की निति का विरोध करते है या फिर उन्हें मानने से इनकार कर देतें हैं तो ये निरपराधियों का भी खून बहाने में भी संकोच नहीं करते हैं और शांति व्यवस्था की आढ़ में ये स्वयं शांति भंग करते हैं,
साभार .............
सरदार भगत सिंह को शत शत नमन|
जवाब देंहटाएंनमन ऐसे वीर सपूत को इतिहास का रुख मोड़ कर गए ....! लेकिन आज भी हमें प्रेरित करते हैं ...!
जवाब देंहटाएंसरदार भगत सिंह को शत शत नमन|
जवाब देंहटाएंसार्थक आलेख...भारत माँ के वीर सपूत को नमन
जवाब देंहटाएंभारत माता के अमर सपूत सरदार भगत सिंह जी को कोटि कोटि नमन.....भाव पूर्ण आलेख के लिये हार्दिक आभार ..विजय दशमी की हार्दिक मंगल कामनाएं !!!
जवाब देंहटाएंदशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंसार्थक आलेख..सरदार भगत सिंह को शत शत नमन|
जवाब देंहटाएंsundar prastuti.
जवाब देंहटाएंkoti-koti naman sardar bhagat singh ko.
सरदार भगत सिंह को शत शत नमन|
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