तुकबंदी को कविता जाने
कविता से अनजान हैं हम,
अर्थहीन तुकबंदी अपनी
पढके खुद हैरान हैं हम II
हिंदी -उर्दू-तमिल-मराठी
भाषा से अनजान हैं हम,
समझ न पायें मन की भाषा
नौसीखिए नादान हैं हम II
जीवन कविता, जीव कविता
कविता एक जहान मै हम,
कविता की गलियों मै भूले
भटके हुए इन्सान है हम II
समझ सकें गर उसकी कविता
जिसकी सब संतान हैं हम,
कविता गीत -गजल शेरों मै
अलग-अलग पहिचान हैं हम II
सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंद्वीपांतर परिवार की ओर से लोहड़ी एवं मकर सकांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।