बुरांश" एक जंगली फूल.....इसके विशालकाय पेड़ को मैं गमले मै उगाने का प्रयास कर रहा हूँ , मै चाहता हूँ कि इसकी सुन्दरता और इसकी महक से कोई भी बंचित न रह जाय .......
मंगलवार, 18 मई 2010
एक प्रश्न चिन्ह..................
चतुर्दिक
भ्रष्टाचार एवं
आतंक का साम्राज्य ,
धार्मिक एवं सामप्रदायिक
झगडे ,
निरंतर उग्र होती
नश्ल भेद की
भावनाएं ,
आर्थिक एवं
सामाजिक असमानताएं ,
गरीबी एवं
कुपोषण की गर्त में
डूबती हुई दुनिया ,
मानवीय सभ्यता एवं
विकास गाथा में
जड़ देती है
एक प्रश्न चिन्ह ,
क्या सचमुच
मानव चाँद पर
पहुँच गया है ?
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
क्या सचमुच
जवाब देंहटाएंमानव चाँद पर
पहुँच गया है ?
मैं बताऊं?
हां।
Vicharneey sawaal. Yahee vishamta to aslee pareshaanee hai.
जवाब देंहटाएंBhakuni ji, "मेरी ब्लॉग सूची में हैं....." ko kaise apne blogs main jodun ? kripaya bataayen.
बहुत सुन्दर लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
जवाब देंहटाएंbahut sunder.
जवाब देंहटाएंउपनिषद् कहते हैं केवल भौतिक उन्नति या केवल अध्यात्मिक उन्नति जीवन का ध्येय नहीं. इन दोनों में तालमेल होना चाहिए.
जवाब देंहटाएंक्या सचमुच
जवाब देंहटाएंमानव चाँद पर
पहुँच गया है ?
...Bhautikta ke daur mein kaudhta vicharniya Saawal ...
Saarthak aur chintansheel rachna ke liye aabhar