चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल था, धू-धू कर जलती हुई ईमारत को देख आस -पास से लोगों की भीड़ जमा होने लगी, किसी ने आग में फंसे हुए लोगों को निकालना आरम्भ किया तो कोई बाल्टी भर-भर कर पानी लाता और भड़के हुए आग के शोलों को बुझाने का प्रयास करता अर्थात अपनी-अपनी सामर्थानुसार हर कोई मदद को आगे आया....जलती हुई ईमारत और संकट की इस घडी में लोगों की एकजुटता और सहयोग की भावना को देख ईमारत से कुछ दूरी पर स्थित पेड़ की डाल पर बैठी एक नन्ही सी चिड़ियाँ से रहा नहीं गया अत: उसने भी आग बुझाने में सहयोग करने का निर्णय लिया, अब क्या था? नन्ही सी चिड़ियाँ समीप के तालाब से बार-बार अपनी चोंच में भर-भर कर पानी की बूंदें लाती और आग की ऊँची-ऊँची लपटों से स्वयं को बचाती हुई आग बुझाने का प्रयास करती, दूर खड़ा एक तमाशबीन यह सब देख रहा था, नन्ही चिड़ियाँ की इस कोशिश पर एक बार तो वह खूब हंसा और फिर नन्ही चिड़ियाँ के पास गया....
" अरी नन्ही सी चिड़ियाँ तू भी कितनी नादान है ,,, तुझे क्या लगता है ? क्या बूंद-बूंद पानी से तू इन आग की लपटों को बुझा पायेगी.....?
नन्ही चिड़ियाँ का जवाब था-
"मैं जानती हूँ मेरा यह नन्हा सा प्रयास आसमान को छूती हुई इन आग की लपटों के सामने कुछ भी नहीं है किन्तु मैं चाहती हूँ की कल को जब इस जलती हुई ईमारत का इतिहास लिखा जायेगा तो उसके पन्नों मे मेरा नाम आग लगाने वालों में नहीं अपितु आग बुझाने वालों में लिखा हो ........
नन्ही चिड़ियाँ का जवाब था.
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साभार- क्रन्तिकारी राष्ट्र संत मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज के श्री मुख से
" अरी नन्ही सी चिड़ियाँ तू भी कितनी नादान है ,,, तुझे क्या लगता है ? क्या बूंद-बूंद पानी से तू इन आग की लपटों को बुझा पायेगी.....?
नन्ही चिड़ियाँ का जवाब था-
"मैं जानती हूँ मेरा यह नन्हा सा प्रयास आसमान को छूती हुई इन आग की लपटों के सामने कुछ भी नहीं है किन्तु मैं चाहती हूँ की कल को जब इस जलती हुई ईमारत का इतिहास लिखा जायेगा तो उसके पन्नों मे मेरा नाम आग लगाने वालों में नहीं अपितु आग बुझाने वालों में लिखा हो ........
नन्ही चिड़ियाँ का जवाब था.
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साभार- क्रन्तिकारी राष्ट्र संत मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज के श्री मुख से
प्रेरक प्रसंग ।
जवाब देंहटाएंमेरा नाम आग लगाने वालों में नहीं अपितु आग बुझाने वालों में लिखा हो ........
जवाब देंहटाएंनन्ही चिड़ियाँ का जवाब था,,,,
प्रेरक बेहतरीन प्रस्तुति,,,,.
RECENT POST,,,इन्तजार,,,
लाजवाब। बेशक ईमानदारी झलकती है। काश ऐसा इन्सान भी सोच सकता।
जवाब देंहटाएंयथासम्भव प्रयास तो करना ही है। नन्हीं दीमकें मिलकर बड़े दरख्त भी चूरा कर देती हैं।
जवाब देंहटाएंअत्यंत मार्मिक दृष्टान्त ..नन्ही चिड़िया जैसी पवित्रता और समर्पण के भाव में ही विश्व का कल्याण निहित है .....
जवाब देंहटाएंकाश हम सब भी नन्ही चिड़िया बन सकतीं.
जवाब देंहटाएंकहाँ हैं आजकल आप?
घुघूतीबासूती
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .बहुत अद्भुत अहसास.सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाये आपको और आपके समस्त पारिवारिक जनो को !
मंगलमय हो आपको दीपो का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..
प्रेरक पोस्ट ।मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा ।
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